Aug 31, 2010

एक दोस्त की सेवानिवृति पर ....

उनसे परिचय तो नवम्बर 2006 में फोन पर हो गया था मगर मुलाक़ात हुई जनवरी 2008 में। उनके व्यवहार में अजीब सी सादगी मगर बातों में थोड़ा सा रोष झलकता था। उन्हें शायद सबसे अधिक गुस्सा स्वयं पर आता था। अक्सर मन में कहीं गहरी उदासी को छुपाए एक दुबला-पतला सा व्यक्ति जो दिल का रोग भी गले लगा चुका था जमाने भर को ललकारने में पल भर की भी देर नहीं करता था। उस व्यक्ति के प्रति एक अजीब सी श्रद्धा मेरे मन में जगी। न जाने क्यों मुझे उनका चिडचिडापन अच्छा लगने लगा और आज श्री हरिदास चट्टोपाध्याय से मिले दो वर्ष से अधिक गुज़र जाने पर भी ऐसा लगता है कि कल ही तो उनसे मुलाक़ात हुई थी।
आज श्री हरिदास चट्टोपाध्याय सेवानिवृत हो रहे हैं, उन्होंने लंबे समय तक हिंदी की निस्वार्थ सेवा की है और पूरे दल-बल के साथ की है। उनके पोर्टब्लेयर नराकास के सदस्य सचिव के रूप में किए गए प्रयास सदैव याद किए जाएंगे। उन्होंने पोर्टब्लेयर नराकास को देश की पहली ई-नराकास होने का गौरव दिलाया। उनके सभी सदस्य कार्यालयों को जाने वाले पत्र पहले ई-मेल से पहुँचते थे और डाकखाने की बारी बहुत बाद में आती थी। उनकी सेवानिवृति के अवसर पर हिंदी सबके लिए परिवार की ओर से उनके सदैव हिंदी के योद्धा बने रहने, स्वस्थ, शांतिमय सुखद एवं सक्रिय जीवन हेतु ढ़ेर सारी शुभकामनाएं।
-अजय मलिक

"कश्मीर" पूजा लाखन की कविता

यह जगह क्या है?
युद्ध स्थल या वध स्थल ?
सिर पर निशाना साधे
सेना के इतने जवान
यहाँ क्यों हैं?

क्या यह हमारा ही देश है
या दुश्मन देश पर कब्जा है
खून से लथपथ बच्चे, महिलाएँ, युवा, बूढ़े
सब क्यों उठाये हुए हैं
दोनों हाथों में पत्थर ?

इतना गुस्सा
मौत के खिलाफ़ इतनी बदसलूकी
इस क़दर बेफिक्री
क्या यह फिलीस्तीन है या
लौट आया है 1942 का मंज़र

समय समाज के साथ पकता है
और समाज बड़ा होता है
इंसानी जज़्बों के साथ
उस मृत बच्चे की आँख की चमक
धरती की शक्ल बदल रही है

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर का समय बीत चुका है
और तुम्हारे निपटा देने के तरीकों से
बन गए हैं कितने दलदल,
गुप्त कब्रें और श्मशान घाट

आग और मिट्टी के इस खेल में
क्या दफ़्न हो पायेगा एक पूरा देश
उस देश का पूरा जन
या गुप्त फाइलों में छुपा ली जाएगी
जन के देश होने की हक़ीक़त
आज़ाद मन के बेबस गुलाम हो जाने की ललक
धरती के लहूलुहान होने की सूरत

मैं मक्के के खेत में भुट्टे तोड़ती
अपने कश्मीर के बारे में सोच रही हूँ

-पूजा लाखन

Aug 29, 2010

विन्डोज़ xp में हिंदी (यूनिकोड) सक्रिय करने में आने वाली कठिनाइयाँ और समाधान

विन्डोज़ xp में हिंदी (यूनिकोड) सक्रिय करने के लिए हम कई बार जानकारी तथा लिंक्स दे चुके हैं। जिन कंप्यूटरों में विंडोज़ एक्सपी सर्विस पैक-2 है उनमें हिन्दी (यूनिकोड) या भारतीय भाषाओं को सक्रिय करते समय सामान्यत: कोई कठिनाई नहीं आती । जब आप स्टार्ट मैन्यू -> कंट्रोल पैनल-> रीज़नल एंड लंग्वेज़ेज़ -> लेंग्वेज़ेज़ के बाद कांप्लेक्स स्किप्ट फाइल्स के चेक बाक्स को क्लिक करते हैं तो OK क्लिक करने पर आपका कंप्यूटर विंडोज़ xp प्रोफेशनल sp-2 की सी डी ड्राइव में डालने का अनुरोध करता है। सी डी से i386 की विभिन्न फाइलें स्वत: इंस्टाल हो जाती हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि win xp sp-2 की कोई भी असली/ नकली सी डी इस कार्य के लिए पर्याप्त होती है।
आजकल आपका कंप्यूटर लगातार इंटरनेट से जुड़ा होता है और win xp sp-3 स्वत: अपडेट के जरिए स्थापित हो चुका होता है तो win xp sp-2 की सी डी से काम नहीं चलता। जो सूचना प्रौद्योगिकी के एक्सपर्ट हैं वे i386 की फाइलों से काम चला सकते हैं। लेकिन एक सामान्य व्यक्ति के लिए कठिनाई पैदा हो जाती है क्योंकि आपका कंप्यूटर लगातार win xp sp-3 की सी डी मांगता है और अलग से i386 की फाइलों से भी समाधान आसानी से नहीं हो पाता। इसी तरह की समस्या win xp 64 बिट्स वाले कम्प्यूटरों में भी आती है। एक आम आदमी के लिए सरल समाधान यही है कि win xp 64 बिट्स तथा win xp pro sp-3 की सी डी भी साथ में रखी जाएँ।

Aug 24, 2010

रक्षा बंधन पर सभी भाई-बहनों को शुभकामनाएं


Aug 22, 2010

तुमको-उनको-उसको-सबको ओणम की शुभकामनाएं


Aug 19, 2010

विक्शनरी, प्रतिभास और रचनाकार का क्या कहना !

यहाँ सबसे पहले रचनाकार का धन्यवाद जिसके माध्यम से प्रतिभास तक पहुँचना संभव हुआ। आप मान लीजिए कि हिंदी में किसी भी ऐसी सुविधा की अब कोई कमी नहीं है जो हिंदी से बचने के बहाने के रूप में आजमाई जा सके। जिद और जबरदस्ती के बूते कोई अगर अँग्रेज़ी का पिछलग्गू बने रहना चाहता है तो उसका कुछ नहीं किया जा सकता। आप स्वयं नीचे दिए गए लिंक्स से इस बात का अनुमान लगा सकते हैं कि नेट पर हिंदी का हलुआ, जलेबी, इमरती, बरफी, पेड़ा सब कुछ उपलब्ध है जिसका जो जितना मजा लेना चाहे मुफ्त में ले सकता है।
सबसे पहले शर्मा जी को समर्पित हरयाणवी शब्दकोश 'जाटलैंड' के सौजन्य से-

हरयाणवी भाषा शब्दावली
हरयाणवी भाषा मुहावरे और लोकोक्तियां

Aug 15, 2010

हम सब भारतवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं.


Aug 14, 2010

भारतीय साहित्य संग्रह से दो पुस्तकें

भारतीय साहित्य संग्रह की वेब साइट पर आपको कुछ बेहद उपयोगी जानकारी मिल सकती है। अक्सर लोग हिंदी प्रकाशकों के बारे में पूछताछ करते रहते हैं, ऐसे लोगों के लिए हिंदी प्रकाशकों तथा लेखकों की सूची इस वेब साइट पर उपलब्ध है। कुछ पुस्तकें निशुल्क पढ़ने के लिए उपलब्ध हैं। इनमें बाबू देवकी नंदन खत्री की चंद्रकांता तथा हिंदी का व्याकरण प्रमुख हैं।
चंद्रकांता का लिंक है- आगे चंद्रकांता ....

हिंदी व्याकरण का लिंक है- हिंदी व्याकरण पृष्ठ
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Aug 12, 2010

हिंदी में हिंदी की ई-लर्निंग

ई-लर्निंग में इलेक्ट्रॉनिक समर्थित शिक्षा, शिक्षण और अधिगम के ऐसे सभी व्यवस्थित प्रकार शामिल हैं, जिनका उद्देश्य सीखने वाले के व्यक्तिगत कौशलों, अनुभवों, व्यवहार और ज्ञान में नेटवर्क आधारित अथवा बिना नेटवर्क के सूचना प्रोद्यौगिकी, विशिष्ट मीडिया, संचार प्रणाली, इलेक्ट्रानिक उपकरणों के माध्यम से सुधार, परिवर्तन, विकास अथवा वृद्धि करना होता है।

ई-लर्निंग मूलत: कंप्यूटर और नेटवर्क पर आधारित शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया है। इसमें निर्धारित कौशलों का विकास इंटरनेट, इंट्रानेट, विभिन्न सॉफ्टवेयर्स, ऑडियो या वीडियो टेप, उपग्रह टीवी के माध्यम से अधिगम सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। इस सामाग्री में पाठ, परीक्षण, छवि, एनिमेशन, वीडियो, ऑडियो, अभ्यास की सुविधा आदि शामिल होती है। ई लर्निंग में कंप्यूटर आधारित प्रशिक्षण, इंटरनेट आधारित प्रशिक्षण या वेब आधारित प्रशिक्षण सभी कुछ शामिल है।

राजभाषा विभाग ने राजभाषा के रूप में हिंदी तथा एक भाषा के रूप में हिंदी के शिक्षण-अधिगम, प्रयोग तथा व्यावहारिक समस्याओं के समाधान के लिए ई-लर्निंग की उपयोगिता को काफी पहले महसूस कर लिया था। प्रारम्भ में प्रबोध, प्रवीण, प्राज्ञ पाठ्यक्रमों के विभिन्न भारतीय भाषाओं में आडिओ कैसेट्स तैयार कर वितरित किए गए। फिर जब कंप्यूटर सहज-सुलभ होने लगे तो लीला हिंदी सोफ्टवेयर्स का विकास सी-डेक के माध्यम से कराया गया। प्राम्भ में इंटरनेट की सुविधा आसानी से उपलब्ध नहीं थी इसलिए इन सोफ्टवेयर्स के सी डी वर्ज़न तैयार किए गए। इंटरनेट की उपलब्धता जैसे-जैसे सुलभ होती गई लीला सोफ्टवेयर्स के इंटरनेट वर्ज़न भी तैयार किए गए तथा राजभाषा विभाग की वेबसाइट पर निशुल्क उपलब्ध करा दिए गए।

हिंदीतर भाषा भाषियों की सुविधा तथा मातृभाषा के महत्व को ध्यान में रखते हुए लीला पाठ्यक्रमों द्वारा 14 भारतीय भाषाओं के माध्यम से इंटनेट पर हिंदी सीखने की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जा चुकी है। इन पाठ्यक्रमों का निर्माण इस प्रकार किया गया है कि सीखने वाला प्रत्येक पाठ की समाप्ति पर अपना मूल्यांकन स्वयं पाठ के अंत में दिए गए परीक्षण के द्वारा कर सकता है। ई-लर्निंग के क्रम में राजभाषा विभाग की नई उपलब्धि है - लीला पाठ्यक्रमों की ऑनलाइन परीक्षा का सफलता पूर्वक आयोजन ।

-अजय मलिक
-प्रतिभा मलिक

Aug 10, 2010

हिंदी यूनीकोड सक्रियता एवं माइक्रोसॉफ्ट इंडिक इनपुट टूल कैसे स्थापित करें

हिंदी यूनीकोड सक्रियता एवं माइक्रोसॉफ्ट इंडिक इनपुट टूल कैसे स्थापित करें? इस कठिनाई को दूर करने के लिए हम भाषा इंडिया डाट कॉम से सीधे लिंक दे रहे हैं। ये लिंक्स विन्डोज़ एक्स पी, विन्डोज़ विस्ता और विन्डोज़ 7 में कैसे हिंदी यूनीकोड में काम करने के लिए क्या किया जाए, इसकी पूरी जानकारी आप को उपलब्ध कराते हैं। आप पहले माइक्रोसॉफ्ट इंडिक लेंगवेज़ इनपुट टूल डाउनलोड कर लें और फिर नीचे दिए गए लिंक्स से अपने आपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकतानुसार कमांड्स दें-
Instructions for Windows XP
Instructions for Windows Vista
Instructions for Windows 7


bhashaindia.com के सौजन्य से।

माननीय संसदीय राजभाषा समिति की वेबसाइट

माननीय संसदीय राजभाषा समिति की वेबसाइट का लिंक नीचे दिया जा रहा है। इस वेबसाइट पर समिति, समिति की उपसमितियों तथा समिति के माननीय सदस्यों के बारे में विवरण उपलब्ध है। इसी के साथ समिति की निरीक्षण प्रश्नावली, राजभाषा संबंधी विभिन्न संवैधानिक प्रावधानों, राष्ट्रपति जी के आदेशों, नियमों की भी जानकारी दी गई है।

Aug 8, 2010

हिंदी वर्तनी जांचें

इससे पहले भी एक हिंदी वर्तनी जांचने के लिए हमने लिंक दिया था। यहाँ दिया गया एक नया लिंक 27 भाषाओं की वर्तनी जांचने वाला बताया जाता है। यह ऑनलाइन काम करता है। आप भी देखें कि इसमें कितना दम-ख़म है-
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आना फ्री, जाना फ्री, पकड़े गए तो खाना फ्री...

आज सुबह-सुबह दो मित्रों को जन्मदिन की बधाई देने के बाद दो दिन से बंद नेट को नेटगीयर से किसी तरह चालू किया तो जो एक मात्र मेल मिली उसका संदेश यही था कि आना फ्री, जाना फ्री, पकड़े गए तो खाना फ्री। जिस मित्र ने यह मेल भेजी थी उसका आज मौन व्रत है इसलिए उनसे आज बात कर पाना तो संभव नहीं है इसलिए सोचा कि इस मुद्दे पर मन की भड़ास ब्लॉग के जरिए निकाली जाए।

Aug 2, 2010

इश्क के हिस्से में भी इतवार होना चाहिये

मुनव्वर राना की तीन गज़ले कविता कोश के सौजन्य से

एक
जब कभी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है
माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है

रोज़ मैं अपने लहू से उसे ख़त लिखता हूं
रोज़ उंगली मेरी तेज़ाब में आ जाती है

दिल की गलियों से तेरी याद निकलती ही नहीं
सोहनी फिर इसी पंजाब में आ जाती है

रात भर जागते रहने का सिला है शायद
तेरी तस्वीर-सी महताब[1] में आ जाती है

एक कमरे में बसर करता है सारा कुनबा
सारी दुनिया दिले- बेताब में आ जाती है

ज़िन्दगी तू भी भिखारिन की रिदा[2] ओढ़े हुए
कूचा - ए - रेशमो -किमख़्वाब में आ जाती है

दुख किसी का हो छलक उठती हैं मेरी आँखें
सारी मिट्टी मिरे तालाब में आ जाती है

शब्दार्थ:

↑ चांद
↑ चादर

दो
नुमाइश के लिए गुलकारियाँ दोनों तरफ़ से हैं
लड़ाई की मगर तैयारियाँ दोनों तरफ़ से हैं

मुलाक़ातों पे हँसते, बोलते हैं, मुस्कराते हैं
तबीयत में मगर बेज़ारियाँ दोनों तरफ़ से हैं

खुले रखते हैं दरवाज़े दिलों के रात-दिन दोनों
मगर सरहद पे पहरेदारियाँ दोनों तरफ़ से हैं

उसे हालात ने रोका मुझे मेरे मसायल[1] ने
वफ़ा की राह में दुश्वारियाँ दोनों तरफ़ से हैं

मेरा दुश्मन मुझे तकता है, मैं दुश्मन को तकता हूँ
कि हायल[2] राह में किलकारियाँ दोनों तरफ़ से हैं

मुझे घर भी बचाना है वतन को भी बचाना है
मिरे कांधे पे ज़िम्मेदारियाँ दोनों तरफ़ से हैं

शब्दार्थ:

↑ समस्याओं
↑ बाधक

तीन
इश्क है तो इश्क का इजहार होना चाहिये
आपको चेहरे से भी बीमार होना चाहिये

आप दरिया हैं तो फिर इस वक्त हम खतरे में हैं
आप कश्ती हैं तो हमको पार होना चाहिये

ऐरे गैरे लोग भी पढ़ने लगे हैं इन दिनों
आपको औरत नहीं अखबार होना चाहिये

जिंदगी कब तलक दर दर फिरायेगी हमें
टूटा फूटा ही सही घर बार होना चाहिये

अपनी यादों से कहो इक दिन की छुट्टी दें मुझे
इश्क के हिस्से में भी इतवार होना चाहिये