Jun 26, 2010

प्रवीण नोट्स : विलोम शब्द एवं वाक्यों में प्रयोग

प्रवीण पाठ्यक्रम से संबंधित ऐसे शब्द जिनके विलोम शब्द परीक्षा में पूछे जा सकते है,यहाँ दिए गए हैं साथ ही विलोम शब्दों का वाक्यों में प्रयोग भी बताया गया है.ये नोट्स भी हमारी सहयोगी प्राध्यापक श्रीमती वी रजनी ने तैयार किए हैं।
- संपादक


1 प्राचीन - नवीन / नया  - यह पाठ्यक्रम नवीन है।

2 विजय - पराजय - रावण  की  पराजय हुई।

3 युद्ध - शांति - आजकल विश्व में शांति है।

4 सुर्योदय -सूर्यास्त - मुझे सूर्यास्त देखना पसंद है।

5 तपन - ठंडक - आजकल ठंडक ज्यादा है।

प्रवीण नोट्स : पर्यायवाची शब्द एवं वाक्यों में प्रयोग

ये नोट्स  हमारी सहयोगी प्राध्यापक श्रीमती वी०रजनी ने तैयार किए हैं. 
-संपादक
1 परिवेश = वातावरण/ माहौल - यहाँ का  वातावरण साफ नहीं है।

2 रोमांचक = आह्लादकारी - यह फिल्म आह्लादकारी है।

3 पर्यटक = यात्री - भारत में कई विदेशी यात्री आते हैं।

4 नौकायन = नौकाविहार - हमने झील में नौकाविहार किया।

5 समीप = नजदीक - मेरा घर बहुत नजदीक है।

प्रवीण नोट्स : पदबंध एवं उनका वाक्योँ में प्रयोग

ये नोट्स हमारी सहयोगी प्राध्यापक श्रीमती वी०रजनी ने हिंदी के तमिल भाषी प्रशिक्षार्थियों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए तैयार किए है।
-संपादक


दंग रह जाना - विदेशी पर्यटक हमारी संस्कृति देखकर दंग रह जाते हैं।

खुशी से फूल उठना - कक्षा में प्रथम आने पर सीता खुशी से फूल उठी।

खुशी से फूला न समाना -कक्षा में प्रथम आने पर रमेश खुशी से फूला न समाया ।

आंखों में खटकना - राम की प्रगति उसके दोस्त की आंखों में खटकती है।

रुपए उड़ाना  - बेटी की शादी में राम ने रुपए उड़ाए ।

Jun 22, 2010

पुनश्चर्या पाठ्यक्रम से तरोताज़ा हिंदी प्राध्यापकों के अते-पते

1. रमेश चन्द्र मिश्र , हिंदी शिक्षण योजना, पारादीप पोर्ट ट्रस्ट, पारादीप, मोबाइल- 09938837379

2. रमेश मोहन झा , हिंदी शिक्षण योजना, निजाम पैलेस, कोलकाता, मोबाइल -09433204657
3 डॉ0 जे0 पी0 सिंह, हिंदी शिक्षण योजना , निजाम पैलेस, कोलकाता, मोबाइल-09231828466

4. इंदु पाण्डेय , हिंदी शिक्षण योजना, निजाम पैलेस, कोलकाता, मोबाइल- 09836692833

5. गार्गी गाडगिल, हिंदी शिक्षण योजना, केंद्रीय सदन, बेलापुर, नवी मुंबई, मो- 09969250917

6. ज्ञानचन्द्र प्रसाद, हिंदी शिक्षण योजना, पुणे, मोबाइल- 09420858649

7. सोमपाल सिंह , हिंदी शिक्षण योजना, नागपुर, मोबाइल- 09860726663

8. एम० हरि गणेश, हिंदी शिक्षण योजना, कोयम्बत्तूर , मोबाइल-09443420202

9. अनीता हरि गणेश , हिंदी शिक्षण योजना, कोयम्बत्तूर , मोबाइल-09443420202

10. कृष्णा देवी , हिंदी शिक्षण योजना, नई दिल्ली, मोबाइल- 09871608537

11. ई० राधाकृष्णन, हिंदी शिक्षण योजना, अरुवंकाडू, ऊटी , मो- 00000

12. वी0 चित्रा , हिंदी शिक्षण योजना, राजाजी भवन, बेसंट नगर, चेन्नै, मो- 09444743065

13. एस० सुब्बलक्ष्मी, -वही -, मोबाइल -09444158497

14. प्रतिभा मलिक, - वही -, मोबाइल -09444450985, e mail-
hindi4u@yahoo.in
.

साल का सबसे लंबा दिन, दिल के साथ दिल्लगी के कारण अस्पताल में -1

सभी दोस्तों ने दिल से कहा कि दिल के के मामलों में दिल्लगी ठीक नहीं। बात तो सोलह आने सच्ची, खरी और आजमाई हुई थी मगर हमारा मानना था किएक दिल ही तो है जिसके साथ दिल्लगी की जा सकती है। अब अगर दिल के साथ दिल्लगी ठीक नहीं और, और किसी के साथ दिल्लगी संभव नहीं है तो फिर दिल्लगी किस काम की, इसका करें भी तो क्या ?

Jun 15, 2010

वैशाली का एक दिन : फोटो (c) अजय मलिक


पोर्टब्लेयर में वृक्षारोपण करते तत्कालीन निदेशक (कार्यान्वयन) श्री शर्मा

आई आई टी, मद्रास के लीला हिंदी पाठ्यक्रमों के प्रशिक्षार्थियों के साथ प्राध्यापक


(c) सर्वाधिकार सुरक्षित है - संपादक

रोज़ द्वीप : अंडमान की कुछ तस्वीरें



फोटो (c) अजय मलिक



भूतनाथ का भूत

अगर मुझे सही से याद है तो देवकी नंदन खत्री जी के विश्व प्रसिद्द उपन्यास चन्द्रकान्ता संतति में भूतनाथ नाम का पात्र सम्पूर्ण उपन्यास में हर जगह नज़र आता है और अंत तक वह संसार के सबसे दुष्ट खलनायक की तरह पाठक की नफ़रत का पात्र बना रहता है। अंत में जब भेद खुलता है तो पता चलता है कि वह तो हर कदम पर सबकी मदद करने की कोशिश करता था मगर उसकी नियति ही कुछ ऐसी थी कि बेदाग़ चरित्र होते हुए भी परिस्थितियां उसी को हर कदम पर संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर देती थीं। अंत में वह पाठक की सहानुभूति तो पाता है मगर ऐसी सहानुभूति का क्या किया जाए जो किसी भले आदमी का जीना मुहाल करने के बाद मिले। यह कहानी सिर्फ काल्पनिक भूतनाथ की ही नहीं है आपको ऐसे अनेक लोग मिल जाएंगे जो नेकी कर और कुँए में डाल के चक्कर में खुद गटर में गिरकर बरबाद हो जाते हैं। वे जितना सच के करीब होते हैं उतने ही झूठ से सराबोर साबित कर दिए जाते हैं। जब तक उनकी सही पहचान लोगों की समझ में आती है तब तक न वे बचते हैं न ही गटर में और जगह बचती है। कुछ लोग जो किसी खुली किताब की तरह होते हैं उन्हें लोग बेहद संदेह की दृष्टि से देखते हैं। जो गुरु घंटाल होते हैं, वे विश्वसनीय माने जाते हैं, जब तक कि चिड़िया खेत पूरी तरह न चुग जाए तब तक उनकी तूती बोलती है और उसके बाद जब खेत खुद ही खाली हो गया तो वह किसी का करेगा भी तो क्या?
दुनिया चलती ही शायद इसी तरह है या फिर प्रकृति ही लोगों को किसी न किसी बहाने चलाती-घुमाती रहती है। कोई भूखा मरता है तो कोई अपच के कारण भूखा रहता है। कोई ज्यादा खाने से बीमार है तो कोई खाने के बहाने से परेशान है, कोई खाने वाले के खाने से अपना हाजमा बिगाड़े बैठा है तो कोई इसी से आहत है कि कोई उसके खाने पर नज़रे जमाए है। हर एक का अपना तर्क है और हर एक की अपनी नज़र में वह तर्क ही सबसे बड़ा सत्य है। सार्वभौमिक सत्य तो शायद यही है कि सत्य से भागते रहिए जब तक बन पड़े... जैसे बन पड़े... सत्य को देखने मत दीजिए और भूतनाथ भगवान शिव को भी कहा जाता है इसे लोगों को जानने -समझने से वंचित रखने के लिए जैसे भी बन पड़े भूतनाथ को सदैव भूत बनाए रखिए। भूत के भय से वर्तमान को भयानक... और भयानक यानी भयानकतर बनाकर अपनी पवित्रता का परचम फहराते रहिए।
-अजय

Jun 13, 2010

ये है गुरु यानी गुरुप्रसाद


फोटो: अजय मलिक

Jun 11, 2010

सी-डेक पुणे में ऑनलाइन परीक्षा का प्रशिक्षण ले रहे नोडल अधिकारी

फोटो (c) अजय मलिक

राजभाषा विभाग ने परीक्षाएं ऑनलाइन कर इतिहास रचा


राजभाषा विभाग ने हिंदी भाषा की लीला प्रबोध, प्रवीण एवं प्राज्ञ की परीक्षाएं ऑनलाइन करने का निर्णय लेते हुए 8 जून 2010 को देश के चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, बंगलोर तथा चेन्नै में लीला हिंदी प्रबोध की ऑनलाइन परीक्षा सफलता पूर्वक आयोजित कर एक नया इतिहास रच दिया। उल्लेखनीय है कि इन परीक्षाओं के दौरान किसी भी तरह की नेटवर्क अथवा सर्वर आदि के फेल होने जैसी कोई घटना नहीं घटी। निर्बाध रूप से आयोजित इन परीक्षाओं का परीक्षाफल भी 9 जून 2010 को घोषित कर दिया गया। इन परीक्षाओं के लिए सॉफ्टवेयर आदि का विकास सी-डेक पुणे द्वारा किया गया।

Jun 8, 2010

सूर्यास्त एक ऐसा भी ... निर्माता-निर्देशक : अजय मलिक

(c) अजय मलिक

कवरत्ती द्वीप में सूर्यास्त के नज़ारे ...

कवरत्ती द्वीप :: निर्माता निर्देशक - अजय मलिक

(c) अजय मलिक

यह फ़िल्म जिस मित्र के माध्यम से फिल्माई गई थी वह अब इस दुनिया में नहीं है। उसी को श्रद्धांजलि है यह वीडियो ।

समुद्र जल से पेय जल बनाने की परियोजना - कवरत्ती

निर्माता-निर्देशक : अजय मलिक

(c) अजय मलिक

Jun 7, 2010

कवरत्ती का सूर्योदय : निर्माता निर्देशक - अजय मलिक

Jun 6, 2010

कोचिन राजभाषा सम्मेलन: एक फोटो फ़िल्म (c) अजय मलिक