May 25, 2010

हिंदी माध्यम के प्रतियोगियों के लिए 'विजय मित्र' से बढ़कर कौन !

मिथिलेश वामनकर जी का ब्लॉग विजय मित्र एक अव्यवसायिक वेबपत्र है जिसका उद्देश्य सिविल सेवा तथा राज्य लोकसेवा की परीक्षाओं मे हिन्दी साहित्य का विकल्प लेने वाले प्रतिभागियों का सहयोग करना है।
श्री मिथिलेश वामनकर अपने ब्लॉग के बारे में लिखते हैं - "यह वेब पत्र सिविल सेवा परीक्षा मे हिन्दी साहित्य विषय लेने वाले परीक्षार्थियो की सहायता का एक प्रयास है। इस वेब पत्र का उद्देश्य किसी भी प्रकार का व्यवसायिक लाभ कमाना नही है। इसमे विभिन्न लेखो का संकलन किया गया है।"
इस ब्लॉग में हिन्दी साहित्य पर अत्यंत उपयोगी निबंध हैं जो न सिर्फ सिविल सेवा की परीक्षा के लिए उपयोगी हैं बल्कि हिन्दी साहित्य के स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों के लिए भी बेहद उपयोगी हैं। इतिहास, दर्शन, लोकप्रशासन, सामान्य ज्ञान, समसामयिकी आदि पर भी हिन्दी भाषा में बहुत कुछ है जिसकी तलाश अक्सर हिन्दी माध्यम के छात्रों को होती है। इस ब्लॉग से कुछ लिंक्स नीचे दिए जा रहे हैं-
यदि आपको विजय मित्र की मित्रता सहायक प्रतीत हो तो संपादक श्री मिथिलेश वामनकर जी को mitwa1980@gmail.com पर धन्यवाद एवं कृतज्ञता अवश्य ज्ञापित करें।

May 17, 2010

अज्ञेय जी के जन्मशती वर्ष पर यू ट्यूब पर कुछ अद्भुत वीडियोज

मेरे लिए यह कुछ अधिक ही प्रीतिकर है । अज्ञेय जी के जन्म दिन 07 मार्च का अपना ही आकर्षण है। अक्सर मुझे स्मरण नहीं रहता और यह दिन चुपके से निकल जाता है। उनकी पुण्य तिथि 04 अप्रेल का दिन भी अजीब सी बैचैनी में गुजर जाता है।
सृजन गाथा पर आज यू ट्यूब के कुछ वीडियोज़ अज्ञेय जी के बारे में देखने को मिले। फिर यू ट्यूब पर खोजा तो अज्ञेय जी के काफी सारे वीडियोज़ मिल गए । मैं इन वीडियोज़ का लिंक देने का लोभ संवरण नहीं कर पा रहा हूँ । आप भी इन्हें अनदेखा नहीं कर पाएंगे। अज्ञेय जी के स्वर में असाध्य वीणा का पाठ आदि- इत्यादि ... ज़रा सुन देखकर कुछ बताइए तो सही ...
mehta1947

प्रखर देवनागरी फ़ॉन्ट परिवर्तक

जगदीप सिंह दांगी का दावा है कि प्रखर देवनागरी फ़ॉन्ट परिवर्तक द्वारा कंप्यूटर पर किसी भी प्रकार के देवनागरी ट्रू टाइप एवम् टाइप-१ अस्की/इस्की (8 बिट कोड फ़ॉन्ट॥) फ़ॉन्ट्स आधारित पाठ को यूनिकोड (16 बिट कोड फ़ॉन्ट) फ़ॉन्ट आधारित पाठ में शत-प्रतिशत शुद्धता के साथ तत्काल परिवर्तित किया जा सकता है।
यह फॉण्ट परिवर्तक निशुल्क नहीं है फिर भी परिक्षण के तौर पर दांगी द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर्स को आजमाने में बुराई ही क्या है? लिंक नीचे दिया जा रहा है -
http://www.srijangatha.com/takneek_6May2k10

May 16, 2010

पहाड़ और बहाव

-अजय मलिक की एक नई कविता

वह पहाड़ भी टूटा
गिरा और बह गया।
प्रवाह में पला
नया रूप
नए रंग-ढंग
और अंतत:
रेत हो गई काया।

रोके न रुका
बहाव, फिर भी।

May 14, 2010

सूरज तक फैले तार


फोटो : ऋचा (c)

त्रिवेंद्रम राजभाषा सम्मेलन 2005:: एक फोटो फ़िल्म -अजय मलिक

May 9, 2010

माननीय संसदीय राजभाषा समिति ने सराहा है.....



माननीय उपाध्यक्ष के आशीर्वचनों के लिए हिंदी सबके लिए टीम हृदय से आभारी है।

May 2, 2010

दुःख सबको माँजता है ...

मुझे यह स्वीकारने में कोई संकोच नहीं कि अज्ञेय जी के हिंदी साहित्य से मैं सर्वाधिक प्रभावित रहा हूँ । चाहे उनके उपन्यास -'शेखर एक जीवनी, नदी के द्वीप, अपने-अपने अजनबी' हों या उनका 'अरे यायावर रहेगा याद...या फिर उनका काव्य हर छोटी-बड़ी कविता...सांप...चिड़िया...दूरवासी मीत मेरे... तुझ में सामर्थ्य रहे....पूछ लूँ मैं नाम तेरा...' उनकी कहानियां आदि-इत्यादि...उनकी जीवन शैली, चिंतन, व्यवहार...उनकी हर बात ने मुझे प्रभावित किया ...
इतना सब कुछ होते हुए भी मेरे व्यक्तित्व में उनके जैसा कुछ भी नहीं है। न मुझमें उनके जैसी परिपक्वता है, न जुझारूपन, न कवि मन , न चिंतन में वह गहराई, न लेखन... न कुछ और ...
शायद उनके उपन्यास में उद्धृत ये पंक्तियाँ '... दुःख सबको माँजता है..और जिनको माँजता है उन्हें यह सीख भी देता है कि औरों को मुक्त रखें...' इस बात का का जवाब हो सकती हैं कि क्यों उनसे हर तरह से प्रभावित होने के बावजूद भी कोई उनके विराट व्यक्तित्व का अनुकरण करने से मुक्त रहता है...!!