Aug 6, 2009

केंद्रीय विद्यालय, सी एल आर आई की भूतपूर्व प्रधानाचार्य श्रीमती सीतालक्ष्मी

केंद्रीय चर्म अनुसन्धान संस्थान, चेन्नै परिसर में स्थित केंद्रीय विद्यालय की हर वर्ष कोई न कोई नई उपलब्धि अवश्य होती है। कभी यहाँ के छात्र सीबीएससी की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करते हैं तो कभी किसी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के लिए चर्चित होते हैं। वर्ष 2008-2009 के लिए इस विद्यालय के छात्रों ने 21 वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है ।
यह पुरस्कार पिछले दिनों नई दिल्ली में महामहिम उपराष्ट्रपति श्री मोहम्मद हामिद अंसारी जी ने प्रदान किया। जिन छात्रों ने 90 केंद्रीय विद्यालयों के बीच हुई रोचक प्रतियोगिता में जीत हासिल की वे निश्चित रूप से बधाई के पात्र हैं।
इस जीत का एक और शख्सियत को भी श्रेय जाता है जिन्हें अपने नाम से अधिक अपने काम की चिंता होती थी। जी हाँ, हम केंद्रीय विद्यालय, सी एल आर आई की भूतपूर्व प्रधानाचार्य श्रीमती सीतालक्ष्मी की ही बात कर रहे हैं जिन्होंने इस युवा संसद प्रतियोगिता के लिए छात्रों को न सिर्फ़ प्रोत्साहित किया बल्कि उनसे कड़ी से कड़ी मेहनत भी कराई। राजभाषा हिंदी के प्रति भी उनका बेहद लगाव था। केंद्रीय विद्यालय सी एल आर आई की युवा संसद प्रतियोगिता में जीत के लिए उन्हें भी हार्दिक बधाई .

1 comment:

  1. अध्यापन श्रेष्ठतम सेवा कार्य है, जिसमें समर्पण, निष्ठा, ईमानदारी, अनुशासन, त्याग एवं तप जैसे महान गुणों की अपेक्षा होती है । ऐसे गुणों से संपन्न अध्यापकों के प्रति समाज में हमेशा गौरवपूर्ण स्थान रहा है । श्रीमती सीतालक्ष्मी को आप ऐसी ही श्रेणी में ठहरा रहे हैं, तब तो तब तो पूरा समाज को उनके प्रति आत्मीयता एवं पूर्ण श्रद्धापूर्वक नतमस्तक होना चाहिए । ऐसे अनुकरणीय व्यक्तित्व के बारे में अपनी राय पेश करने के लिए आपको मेरी बधाइयाँ ।
    - डॉ. सी. जय शंकर बाबु, संपादक, युग मानस

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